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Tuesday, April 13, 2010

क्रिश्नायनम-2010 ,बालसामावेस -बालगोकुलम.

शंकराचार्य के पवित्र भूमि मैं एक अनोखा संगम ,



































































शंकराचार्य के पवित्र भूमि मैं एक अनोखा संगम ,
२०००० बालऔर बालिका ...एकही जगह पर सम्मलित हुवा ।
श्री रामकृष्ण मठ ,चेन्नई के संपूज्य स्वामी गौतामानान्दजी
महाराज की पवित्र हाथोमसे दीपप्रज्वलन ।
वरिष्ट संघ प्रचारक परमेस्वरान्जी के मार्गदर्सन .

बालगोकुलम का प्रभाव जहां तक हे ,उस सभी नगरों से प्रतिनिधि क्रिश्नायानाम मैं भाग लिया ।

उत्तर-पूर्व क्षेत्र अस्सं से बालगोकुलम के बालक और बालिकायें अपने भगिनी और संघ कार्यकर्ता के साथ आये ,यह एक अनोखा मिलन ही था !

दो दिन से केरल के सांस्कृतिक नगर त्रिसिवापेरूर देखते देखते ब्रिन्दावन बनगए ।

हर एक जिल्ला से प्रत्येक छुनट गाडयोमें आगये।

पहले दिन के उत्खादन सभा के बाद भोजनोंपराअंत कथाकथन भी था ।

१००० बाल और बालिकामिलकर किया भारत दरसन कार्यक्रम ।

समापन सभा में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख म। मदनदास देवी बच्चोउमको भविष्य भारत के

रचना करानेका क्षमता पर ज़ोर से आह्वान कराया।

आखिरी दिन में अस्सं से आये पर्वरतक देस्भाक्थी गीत और भीगू नृत्य पेश किया .

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